दशहरा (मनहरण घनाक्षरी )
बुरा पर अच्छाई की।
झूठ पर सच्चाई की।
हार पर विजय की।
जीत है दशहरा।
दुर्गुण पर गुण की।
अधर्म पर धर्म की।
अज्ञान पर ज्ञान की।
जीत है दशहरा।
घृणा पर सप्रेम की।
विषम पर सम की।
दुख पर समृद्धि की।
जीत है दशहरा।
पापियों पर पुण्य की।
छलावे पर क्षमा की।
क्रोधियों पर शांति की।
जीत है दशहरा।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
बहुत सुंदर
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