जीवन के रंग अनोखे
जीवन के रंग अनोखे,
कुछ हल्के,कुछ चोखे।
कभी उजाला धूम मचाए,
कभी अंधियारा है छाये।
कभी विभिन्न रंगों में रंग कर,
जीवन रंगीन बनाये।
रंगीनियों के मोहजाल में,
फँस खाये सौ-सौ धोखे।
जीवन के रंग अनोखे
कभी पहेली बन उलझाता,
कभी सीधी-सी राह दिखाता।
कभी टूटते अंतर्मन में ,
आस की बूंदें है टपकाता।
कभी विचलित होते मन में,
लाता उल्लास के झोंकें।
जीवन के रंग अनोखे।
उम्मीदों के महल बना कर,
उसमें रहना हमें सिखाता।
विश्वास के दरवाजे पर,
हौसले से मिलन कराता।
रंग बिरंगी कोठरियों के,
खोल यहांँ झरोखे।
जीवन के रंग अनोखे।
सुजाता प्रिय समृद्धि
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