Monday, June 6, 2022

सूर्य (हाइकु )



सूर्य निकला 
प्रकाशित हो गया
जगत सारा।

देख दिशाएं
धरती अम्बर का
है उजियारा।

प्रेम करता
यह जग वालों से
साथ निभाता।

भेद ना करे
किसी भी प्राणियों से
प्रेम सिखाता।

किरणें फैली
चहुं दिशा में देखो
तम है हारा।

आसमान का
रंग निखरा देखो
सूर्य लाली से।

सूर्य-किरण
छनकर है आता
वृक्ष डाली से।

अग्नि के जैसा
सूरज है तपता
लू उगलता।

जल की बुंदे
सबके वदन से
यूं निकलता।

 सुजाता प्रिय समृद्धि

No comments:

Post a Comment