Wednesday, June 9, 2021

वट सावित्री गीत



बूढ़े बरगद का पूजन ध्यान कर।
सावित्री मां के चरणों में प्रणाम
 कर।

सिन्दूर-रोली अक्षत चढ़ाकर,
फल पकवान प्रसाद चढ़ाकर,
धूप दीप और कर्पूर जलाकर,
विनती औ वंदन कीर्तन गाकर,
लपेटकर लम्बी की डोर।
कभी छूटे न इसकी छोर।
बूढ़े बरगद का................

मांग रही अखण्ड सौभाग्य,
हमारा है यही अहो भाग्य,
लम्बी उम्र की कामना करके,
मन-ही-मन आराधना करके,
मांग रही वरदान।
इतना तू दो भगवान।
बूढ़े बरगद के ..............

        सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
          स्वरचित, मौलिक

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