सुकृति की नियुक्ति शहर से काफी दूर एक गांव के विद्यालय में हुई।उस गांव के निकट गांव में उसकी मौसी रहती थी। इसलिए उसकी मां बहुत खुश थी कि वह मौसी के घर रहकर नौकरी करेगी। उसका बेटा उसी रास्ते से बाइक द्वारा बैंक में नौकरी करने जाता है।वह उसे विद्यालय में छोड़ते चला जाएगा।इस प्रकार परिवार का संरक्षण भी मिल जाएगा।
पर ,सुकृति ने वहां रहने से साफ मना करते हुए कहा-मैने अपने विद्यालय के निकट एक कमरा किराए पर ले लिया है। हम दो शिक्षिका मिलकर वहां रहेंगी। मकान मालकिन और उनकी दो बेटियां रहतीं हैं। हम सभी एक-दूसरे के संरक्षिका और सहायिका होंगी।
बेटी की दृढ़ता देख मां मना नहीं कर पाई,पर जब वह वहां रहने गयी तो उसका घर और विद्यालय देखने के लिए उसके साथ गई।
फिर वहां से सुकृति को साथ लेकर उसकी मौसी यानि अपनी बहन के यहां गयी। वहां अपने हम-उम्र के बहन के बेटे निखिल से बात-चीत करने और पास बैठने से हमेशा की तरह सुकृति को चिढ़ते देख मां हैरान रह गयी।कब सुधरेगी यह लड़की ? बड़ा-छोटा का कोई ज्ञान नहीं, कोई इज्जत नहीं। उम्र में इतने बड़े भाई से इतना बुरा व्यवहार।
तभी निखिल के एक चचेरे भाई ने आकर निखिल की दस साल की बेटी को अपने निकट बैठाया तो निखिल ने गुस्से से कहा-क्यों तुम अलग नहीं बैठ सकते। उससे सटकर क्यों बैठा ?
क्यों क्या हुआ ?आपकी बेटी के साथ बैठा तो क्या हुआ ? आप भी दूसरी लड़कियों के साथ ऐसे ही बैठते हैं ? सुकृति ने क्रोधित नेत्रों से उसे निहारते हुए कहा तो निखिल की निगाहें स्वत: झुक गई।
वहां से लौटते वक्त मां ने उसे डांटते हुए कहा-तुम्हें अपने बड़े भाई से ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए सुकृति!
भाई को भी तो बहन के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए। सुकृति ने कहा।
बुरा व्यवहार क्या करता है। तुमसे उम्र में बहुत बड़ा है इसलिए थोड़ा दुलार करता है।
दुलार नहीं करते मां! उनके स्पर्श बहुत बुरे होते हैं मां। बहुत खराब से वे मेरे शरीर को छूते हैं।उनका ऐसा व्यवहार है इसलिए उन्हें अपने चचेरे भाई से भी ऐसा भय बना रहता है।
मां सोच में पड़ गई। इतना बड़ा विश्वासघात । हम अपनों पर आंख बंद कर विश्वास करते हैं।और वही पीठ में छूरी भोंकने का काम करता है। सचमुच हमें अपनों से । अपने रिश्तेदारों-जानकारों से भी बचकर रहना चाहिए। कभी कभी वे भी.........
मां सोच में पड़ गई।
सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
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