Monday, February 15, 2021

सरस्वती वंदना



क्षमा प्रार्थना 🙏🙏

हे ज्ञान दायिनी सरस्वती माता !क्षमा करो अपराध ,🙏🙏
मेरा, क्षमा करो अपराध 🙏🙏
कला-ज्ञान, विज्ञान विधाता,
क्षमा करो अपराध,🙏🙏
मेरा क्षमा करो अपराध।🙏🙏

क्षमा करो मैं जग- प्राणि के,
            अवगुण चित में लाती हूं।
गुण का आदर कर नहीं पाती,
                ईर्ष्या से भर जाती हूं।
जल-भुन कर मैं मन में अपने,
                   भर लेती हूं विषाद।
     मेरा क्षमा करो अपराध।🙏🙏
 
कंठ दिया, तूने शब्द दिया,
          पर मधुर वचन ना बोलूं मैं।
वाणी दे ऐसी मां मुझको,
           जब भी मुख को खोलूं मैं।
स्वर में पहले मधुरस घोलूं,
                      तब मैं बोलूं बात।
     मेरा क्षमा करो अपराध।🙏🙏

मुझ दुष्टा को हे जगद्रष्टा,
          ज्ञान की राह दिखाना मां।
जब मैं भटकूं,हाथ पकड़ कर,
           सतपथ पर ले आना मां।
ज्ञान-गुरु बन सर पर मेरे,
                 रखना हरदम हाथ।
     मेरा क्षमा करो अपराध।🙏🙏

क्षमा-दया, तप-त्याग की माता,
                      दे करके वरदान।
मन में ऐसी लगन लगा दे,
              करूं मैं जन-कल्याण।
सारा जग रौशन कर जाऊं,
                सत्य का देकर साथ।
     मेरा क्षमा करो अपराध।🙏🙏

           सुजाता प्रिय 'समृद्धि'
               रांची, झारखंड
              स्वरचित, मौलिक

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