चाहे टूट जाए रीढ़ की हड्डी।
लाद चलूँ मैं नोटों की गड्डी।
मासिक फीस भी है भरना।
वार्षिक नामांकन करवाना।
दैनिक वेष है जरूरी लेना।
हाउस- ड्रेस मजबूरी लेना ।
जूते सफेद और काले लेने।
बेल्ट - टाई और मोजे लेने।
वाहन-शुल्क भी हमें देना है।
कार्यक्रम -शुल्क भी देना है।
किताबें भारी - भारी है लेनी।
कॉपियाँ बहुत सारी है लेनी।
ड्राईंग की कॉपी भी लेनी है।
कलर पेंसिल कूची लेनी है।
ढोना है हमको भारी बस्ता।
माँ-बाप की है हालत खस्ता।
सुजाता प्रिय'समृद्धि'
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